जीवन का सत्य: जो होता है, अच्छे के लिए ही होता है
हमारे जीवन में जो कुछ भी घटित होता है, वह हमारे अच्छे के लिए ही होता है। यह एक पुरानी कहावत है, लेकिन इसका गूढ़ अर्थ हम तभी समझ पाते हैं जब हमें इसका प्रत्यक्ष अनुभव होता है। इस सत्य को समझाने के लिए आज हम एक प्रेरणादायक कहानी प्रस्तुत कर रहे हैं।
एक युवक और महात्मा की कथा
किसी जंगल में एक सिद्ध महात्मा का निवास था। एक दिन एक युवक भटकते-भटकते उनकी कुटिया तक पहुँच गया। वह अत्यंत दुखी था और महात्मा के चरणों में गिरकर रोने लगा।
महात्मा ने प्रेमपूर्वक पूछा, “बेटा, तुम क्यों दुखी हो? चिंता मत करो, जो कुछ भी हुआ है, वह अच्छे के लिए ही हुआ है।”
युवक को यह सुनकर गुस्सा आ गया। उसने कहा, “कैसे कह सकते हैं कि जो हुआ, वह अच्छा हुआ? कुछ लुटेरों ने मेरा सारा धन छीन लिया। अब मेरे पास घर जाने के लिए भी कुछ नहीं बचा है। यह मेरे लिए कैसे अच्छा हो सकता है?”
महात्मा मुस्कुराए और बोले, “पुत्र, मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूँ, जिससे तुम्हें समझ आएगा कि जीवन में जो कुछ होता है, वह अच्छे के लिए ही होता है।”
बाढ़ में सब कुछ खोने वाला किसान
एक गाँव में एक गरीब किसान अपने परिवार के साथ रहता था। एक दिन गाँव में भयंकर बाढ़ आ गई, जिसमें उसका सब कुछ बह गया। खाने-पीने की भी परेशानी हो गई। वह अत्यंत दुखी था।
जब किसान दुखी होकर बैठा था, तब उसके पुत्र ने उसे सांत्वना देते हुए कहा, “पिताजी, जो कुछ भी हुआ है, वह अच्छे के लिए ही हुआ है।”
पुत्र की बात सुनकर किसान गुस्सा हो गया और उसे घर से निकाल दिया। बेटा रोते-रोते गाँव छोड़कर चला गया। कुछ दिनों बाद कुछ लोग बचाव कार्य के लिए गाँव आए और किसान के परिवार को सुरक्षित स्थान पर पहुँचा दिया।
समय बीतता गया। किसान को रोजी-रोटी की चिंता सताने लगी। उसकी पत्नी ने सुझाव दिया कि वह शहर जाकर काम की तलाश करे। किसान को यह बात ठीक लगी और वह काम की खोज में निकल पड़ा।
शहर में किसान को एक सेठ ने अपने यहाँ नौकरी पर रख लिया। सेठ बहुत दयालु था, उसने किसान को अच्छा वेतन दिया। अब किसान की जिंदगी पहले से बेहतर हो गई। कुछ महीनों बाद एक दिन अचानक रात में उसके घर का दरवाजा खटखटाया गया।
जब किसान ने दरवाजा खोला, तो सामने एक युवक खड़ा था, जिसकी बड़ी सी कार थी। वह युवक किसान का अपना बेटा था! किसान यह देखकर दंग रह गया कि उसका बेटा इतना अमीर कैसे बन गया।
बेटे ने कहा, “पिताजी, जब आपने मुझे घर से निकाला, तब मैं शहर आ गया। यहाँ मुझे काम मिला और मैंने व्यापार शुरू किया। धीरे-धीरे व्यापार बढ़ता गया और आज मैं सफल व्यापारी बन गया हूँ। मैंने शहर में एक सुंदर घर खरीदा है। अब हम सब वहीं रहेंगे।”
किसान की आँखों में आँसू आ गए। उसने स्वीकार किया कि यदि वह बाढ़ में सब कुछ न खोता और अपने बेटे को न निकालता, तो उसका बेटा इतना बड़ा व्यापारी न बन पाता और उसे भी इतनी अच्छी नौकरी न मिलती।
महात्मा का आशीर्वाद
महात्मा ने युवक की यह पूरी कहानी सुनाकर उससे कहा, “बेटा, मनुष्य की समझ इतनी बड़ी नहीं होती कि वह कुदरत के फैसले को समझ सके। इसलिए हमेशा यह मानकर चलो कि जो कुछ भी होता है, वह हमारे अच्छे के लिए ही होता है।”
युवक ने महात्मा के चरणों में सिर झुका लिया और कहा, “बाबा, आज मैंने इस सत्य को समझ लिया कि जीवन में जो भी होता है, वह अच्छे के लिए ही होता है।”
सीख: हर स्थिति में धैर्य बनाए रखें
यह कहानी हमें सिखाती है कि चाहे परिस्थिति कितनी भी बुरी क्यों न लगे, उसमें कोई न कोई अच्छाई अवश्य छुपी होती है। हमें सिर्फ धैर्य रखना चाहिए और समय के साथ सब कुछ अपने आप सही हो जाता है।
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